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कविता - काश..सारे सपने ही साकार हो जाते

काश..सारे सपने ही साकार हो जाते,
सोच लेने भर से ही काम हो जाते
ना जाते बाहर कहीं और सारा शहर घूम आते,
यूं अगर सपने भी साकार हो जाते

सोए रहते सारा दिन और महान हो जाते,
लिख देते कुछ ऐसा के नाम हो जाते,
यूं अगर सपने भी साकार हो जाते।।

एग्जाम्स भी हाई डिमांड गेम हो जाते,
हर लेवल में नया सीखते कुछ अपना कर पाते,
यूं अगर सपने भी साकार हो जाते

जहां जाना सबसे मुश्किल हो, वही पहुंच जाते,
देता जब आवाज कोई तो पल में लौट आते
यूं अगर सपने भी साकार हो जाते,
सोच लेने भर से ही काम हो जाते।।

Comments

  1. Hey! I hope you like my new Poem in which it is a dream to fulfill wish without working. Keep #Growing😇 Keep #Lving❣️

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